अकेलापन और भावनात्मक दर्द किसी भी व्यक्ति के जीवन में गहरे असर डाल सकते हैं। जब हम अकेले होते हैं, तब हमारे दिल में ढेर सारी ऐसी भावनाएँ होती हैं जो शब्दों में बयां करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अकेला दर्द भरी शायरी इन जज्बातों को व्यक्त करने का एक शानदार तरीका बन जाती है। शायरी न केवल दिल की बात कहने का एक सशक्त माध्यम है, बल्कि यह हमें अपने भीतर की भावनाओं को समझने और उनसे निपटने में मदद भी करती है।
अकेला दर्द भरी शायरी हमारे दिल की गहराई से निकलकर उस दर्द को सामने लाती है जिसे शब्दों के माध्यम से हम पहले नहीं कह पाते। यह शायरी हमें अकेलेपन और निराशा के समय में सांत्वना देती है, और यह महसूस कराती है कि हम अकेले नहीं हैं। इसलिए, जब भी आप अपने दिल की भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्दों की तलाश करें, Alone Sad Shayari in Hindi एक बेहतरीन विकल्प बनकर सामने आती है।.
Sad Alone Shayari In Hindi

अकेलापन भी क्या खूब है,
दिल के दर्द को छुपाने का एक तरीका है।.
तन्हाई में जीने की आदत हो गई है,
अब तो खुशियों से भी डर लगता है।.
हम तो अकेले ही थे, और अकेले ही रह गए,
कभी सोचा नहीं था, कि इतना दूर हो जाएंगे।.
आंसू वो नहीं जो आँखों से बहते हैं,
बल्कि वो होते हैं जो दिल के अंदर रह जाते हैं।.
अकेले रहकर भी दुनिया की सबसे बड़ी खुशी का अहसास हुआ,
अपनी अहमियत तब समझ आई जब किसी ने हमें नहीं समझा।.
तन्हाई ने मुझे सिखाया,
दूसरों से ज्यादा खुद को समझो।.
कभी खो जाता हूँ, खुद को तलाशते हुए,
तन्हाई में खो जाता हूँ, अकेले रहते हुए।.
अकेलेपन की बात ही कुछ और है,
यह दर्द हमेशा साथ रहता है, कभी दूर नहीं जाता।.
जो दिल में था, वो कभी किसी को बताया नहीं,
इसी अकेलेपन में, खुद से ही बातें कीं।.
तन्हाई में सबसे ज्यादा वो दर्द होता है,
जब किसी से उम्मीद रखी हो, और वो आपका साथ छोड़ दे।.
कभी कभी खुद से भी तंग आ जाता हूँ,
तन्हाई में खोकर, खुद को ही खो बैठता हूँ।.
दर्द भी अब आदत सी बन गई है,
तन्हाई में जीने की एक और वजह हो गई है।.
जब दिल टूटा है, तो किसी से क्या कहें,
हम खुद में खो गए हैं, अब क्या किसी से बात करें।.
अकेले रहकर भी जीने की आदत हो गई,
लेकिन एक पल को भी खुश नहीं हो पाया।.
जिंदगी की सबसे बड़ी सजा अकेलापन है,
जिसे समझने का वक्त किसी को नहीं मिलता।.
चाहत थी किसी से बात करने की,
लेकिन अब तन्हाई में ही अपना सफर तय करता हूँ।.
अकेले में कभी कभी खुद से भी बात होती है,
कभी खुद को ही अकेला महसूस होता है।.
लोग कहते हैं तन्हाई अच्छा नहीं होता,
लेकिन वो नहीं जानते, जब दिल टूटता है, तो अकेला ही अच्छा होता है।.
हमारे दर्द को भी अब कोई नहीं समझता,
तन्हाई में हम खुद से भी अनजान हो जाते हैं।.
अकेले चलने की आदत हो गई है,
अब हर रास्ता ऐसा लगता है, जैसे खुद से होकर गुजरता है।.
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वो अकेला दिल, जो किसी को चाहा था,
अब उसी में तन्हाई का साम्राज्य है।.
दिल की गहराई से कुछ नहीं निकलता,
जब किसी को दिल से चाहो और वो साथ नहीं होता।.
सपने वो होते हैं, जो टूट जाते हैं,
तन्हाई वो होती है, जो दिल को दिल से जुदा कर देती है।.
तन्हाई के इस सफर में अब खुद को ही खो दिया है,
कभी जो था, अब वो एहसास भी कम हो गया है।.
कभी किसी ने कहा था, तुम कभी अकेली नहीं रहोगी,
लेकिन आज वही लोग मुझे अकेला छोड़ गए हैं।.
दिल टूट कर भी मुस्कुराता हूँ,
क्योंकि तन्हाई में हम कभी नहीं रोते हैं।.
तन्हाई की ये घड़ी, दर्द भरी कहानी हो गई,
एक अकेली लड़की की जिंदगी वीरानी हो गई।.
मुझे अकेलेपन में वो सुकून मिला,
जो कभी किसी ने साथ नहीं दिया।.
दिल तोड़ने के बाद, तुम्हें कभी भी ख्वाबों में नहीं देखा,
बस अकेले में खुद से ही बहुत बातें कीं।.
तन्हाई में जीने की आदत सी हो गई है,
अब किसी से उम्मीदें और मोहब्बत कम हो गई है।.
एक दिन तुमसे दूर जाकर महसूस किया,
तन्हाई में जीने का अपना अलग ही मज़ा है।.
दिल की हालत कोई नहीं समझता,
अकेले ही जीते हैं हम, दर्द को सहते हैं हम।.
वो यादें अब मेरी तन्हाई बन चुकी हैं,
जिन्हें कभी तुमने अपने दिल में रखा था।.
अकेली हूं मैं, और अकेला ही रहना है,
जितना प्यार किया था, अब उतना ही कम होना है।.
कभी सोचा नहीं था कि अकेलापन इस कदर प्यारा होगा,
लेकिन अब यह एहसास होता है कि तन्हाई में सुकून है।.
कभी तुमसे खुद को जोड़कर जीती थी,
अब वही खुद को अकेलेपन से जोड़कर जी रही हूं।.
ग़म और तन्हाई में खुद को ढूंढ लिया है,
अब मेरा दिल अकेले ही सही, शांति में जी रहा है।.
तुमसे उम्मीदें बड़ी थीं, लेकिन अब तन्हाई बड़ी है,
खुद से ही अब मोहब्बत हो गई है।.
तुमसे जो दूरी बनी, वही तन्हाई का कारण बनी,
अब मेरी दुनिया में बस अकेलापन ही पनप रहा है।.
तुम्हें खोकर इस दिल ने सिख लिया है,
अकेले रहकर भी जीना, अपनी अहमियत समझना है।
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कभी किसी से बहुत उम्मीदें रखी थीं,
अब अकेले ही जीने की आदत हो गई है।.
तेरे जाने के बाद, अकेलापन एक साथी बन गया है,
अब तो खुशी भी दर्द में बदल गई है।.
कभी किसी के साथ दुनिया की सबसे बड़ी खुशी महसूस होती थी,
अब तन्हाई में खुद को ही खोकर सुकून मिलता है।.
दिल तो अब भी उसी की यादों में खोया रहता है,
लेकिन अब ये अकेलापन और भी गहरा होता है।.
एक वक्त था जब हम सब कुछ साझा करते थे,
आज अकेले बैठकर पुरानी यादों को याद करते हैं।.
दिल टूट कर भी मुस्कुरा लिया है,
तन्हाई में खुद को ही समझाया है।.
तन्हाई में कभी खुद को ढूंढता हूँ,
जो एक समय था, अब वो गुम हो चुका है।.
रिश्ते अब कुछ खास नहीं लगते,
मुझे तो बस अब अकेलापन ही अपना लगता है।.
जो कभी साथ था, अब वह यादें बनकर रह गया,
अब तो खुद से ही सवाल करता हूँ, क्या खोया, क्या पाया?.
वो वक़्त भी था, जब सब साथ थे,
आज वही लोग मुझे अकेला छोड़ गए हैं।.
तन्हाई में जीने की आदत अब हो गई है,
अब तो हर पल यही सोचता हूँ, अकेले ही जी लूंगा।.
एक वक्त था जब दिल भर के किसी से बात करता था,
अब दिल के दर्द को अकेले में सहता हूँ।.
कभी सोचा था कि कोई नहीं छोड़ेगा,
पर अब खुद को ही अकेला पा रहा हूँ।.
कभी किसी से उम्मीदें बहुत थीं,
अब अकेलापन ही सबसे बड़ा सहारा बन गया है।.
तुमसे दूर होने का दर्द कभी खत्म नहीं होता,
लेकिन तन्हाई में जीने का तरीका ही कुछ और है।.
दिल में जो था, वो किसी से कह नहीं पाया,
अब तन्हाई में उस दर्द को पल-पल जी रहा हूँ।.
जिन्हें मैं अपना मानता था, वही अब दूर हो गए,
अब अकेले ही अपने सफर पर निकल पड़ा हूँ।.
हमारे रिश्ते में वो खासियत थी,
अब वही तन्हाई का हिस्सा बन चुकी है।.
एक वक्त था जब मेरा दिल सिर्फ तुझसे धड़कता था,
अब वो दिल तन्हाई में बीतता है।.
तुमने दूर जाकर यह सिखा दिया,
अकेले रहकर भी दिल को समझा लिया है।.
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Sad Alone Life Shayari

कुछ भी तो नहीं बचा अब दिल में,
सिर्फ तन्हाई और यादें हैं रह गईं।.
गुज़रते वक़्त के साथ, दिल अकेला हो गया,
कुछ रिश्ते टूटे, कुछ खुद ही खाली हो गए।.
दिल को कभी समझा नहीं,
अकेले ही जीते रहे, दुनिया से लड़ा नहीं।.
वो जो तन्हाई का ख्याल आता है,
दिल की गहराई से सवाल आता है।.
ग़म और अकेलापन हर कदम पर था,
लेकिन, फिर भी मैंने कभी इन्सानियत नहीं छोड़ी थी।.
क्या फर्क पड़ता है अकेले जीने से,
जब किसी के पास आपको समझने का वक्त नहीं।.
तन्हाई में घिरा हुआ हूँ,
कभी किसी का दिल नहीं मिला मुझे अपना।.
कुछ लोग साथ होते हुए भी तन्हा होते हैं,
कभी दिल में दर्द, कभी चेहरे पर मुस्कान होती है।.
अकेलापन क्या होता है, ये वक्त ही बताता है,
जब खुद से ज्यादा किसी का साया नहीं होता।.
एक बात सीधी सी है, किसी ने दिल नहीं समझा,
तन्हा रहकर भी मैंने कभी खुद को खोने नहीं दिया।.
अकेले होते हुए भी ये दुनिया हंसी है,
लेकिन ग़म छिपाने का क्या फायदा?.
तेरे बिना दुनिया अधूरी सी लगती है,
हर पल अकेले रहते हुए तुम्हारी यादें सजा करती हैं।.
दिल के कोने में वो जगह छोड़ आई,
जहां कभी किसी का साथ था, अब सब शून्य है।.
चाहत तो थी, मगर वक्त ने साथ नहीं दिया,
तन्हाई के इन रास्तों पर अकेले चलते रहे।.
दिल की तन्हाई अब बाहर आ गई,
कभी साथ रहने वाली बातें अब खत्म हो गई।.
तन्हाई में मुझे खुद से ही प्यार हो गया,
अब मैं अपनी ही दुनिया में खो गया।.
हर किसी से खुद को छुपाते हुए जीते हैं,
अकेले हैं, लेकिन इस अकेलेपन को खुद पर ही सवार किए हैं।.
कभी साथ होने का एहसास था,
अब उस एहसास को तन्हाई ने छोड़ दिया है।.
क्या करूँ, जब कोई बात नहीं समझता,
फिर भी खुद को समझाते हुए अकेले रहते हैं।.
अकेला हूं तो कोई फर्क नहीं,
क्योंकि इस दुनिया में हर किसी को अकेले जीने का हक है।.
Sad Alone Shayari For Status

जिंदगी के रास्ते पर अकेला चला,
कभी किसी का साथ नहीं मिला।.
चुप रहते हुए भी दिल की बातें होती हैं,
अकेले रहते हुए भी दुआएं होती हैं।.
तन्हाई में ग़म और यादें बढ़ जाती हैं,
कभी किसी से दिल की बातें नहीं हो पातीं।.
दिल में दर्द और चेहरे पर मुस्कान है,
लेकिन अंदर से मैं खुद से ही परेशान हूँ।.
अकेले होने की वजह से दिल रोता है,
कभी कभी तो मेरी आत्मा भी थक जाती है।.
कभी खुद से बातें करता हूँ,
अकेले रहकर खुद को समझाता हूँ।.
खुद को अकेला पा कर फिर से जीने का हौसला मिला,
कभी किसी के बिना भी जीने की उम्मीद तो बिनती है।.
दर्द दिल में है, पर चेहरे पर हंसी है,
कभी किसी को नहीं बताता, क्योंकि अकेलापन मेरी सज़ा है।.
दुनिया के झमेलों से तंग आ चुका हूँ,
अब अकेला ही रहकर खुद से बात करता हूँ।.
तन्हाई में जीना एक आदत बन गई है,
अब इस अकेलेपन में खुद को महसूस करना अच्छा लगता है।.
कभी किसी ने पूछा नहीं कि मैं कितना अकेला हूँ,
हर पल खुद से ही सवाल करता हूँ।.
दिल में बहुत दर्द है, पर उसे किसी से कहता नहीं,
बस अकेला रहते हुए, खुद से ही लड़ता हूँ।.
कभी किसी से उम्मीद नहीं की थी,
फिर भी अकेले रहते हुए उम्मीद नहीं छोड़ी थी।.
अकेलापन अब दिल का साथी बन चुका है,
जिंदगी का रंग फीका सा महसूस होता है।.
क्या करूँ, जब खुद ही तन्हा हो,
जिंदगी में कोई साथ नहीं, बस शून्यता हो।.
इतना अकेला हूँ कि अब खुद से ही डरता हूँ,
कभी किसी से उम्मीद नहीं रखता हूँ।.
यह अकेलापन मेरी पहचान बन चुका है,
सब कुछ खोकर भी अब कुछ नहीं खोता हूँ।.
दिल में उदासी छिपाए फिरता हूँ,
अकेले रहते हुए सब से दूर चला जाता हूँ।.
खुश दिखता हूँ, लेकिन अंदर से तन्हा हूँ,
जिंदगी से कुछ उम्मीद नहीं, क्योंकि अकेला हूँ।.
कभी किसी का प्यार नहीं मिला,
अब तन्हाई ही मेरी सबसे बड़ी सजा बन गई है।.
तन्हाई की शायरी: उदासी का सफर

कभी खुशी थी दिल में, अब सिर्फ उदासी है,
तन्हाई का सफर, और कुछ नहीं बस खाली जगहें हैं।.
खुद को ढूँढते हुए, अकेले चलता हूँ,
उदासी के रास्ते पर, खुद को अकेला पाता हूँ।.
आंसुओं से भरी हैं मेरी यादें,
सभी रास्ते खो गए हैं, इस तन्हाई में।.
जिंदगी से वो खुशियाँ चली गईं,
अब सिर्फ तन्हाई है, और उदासी के घूंट।.
हर पल अकेले बिता रहा हूँ,
उदासी की धुंध में खो रहा हूँ।.
तेरी यादों का बोझ अब दिल पर भारी है,
तन्हाई का सफर अब और भी लम्बा है।.
वो जो साथ थे कभी, अब दूर चले गए,
अकेलेपन के साथ, मेरी राहें और भी स्याह हो गईं।.
दिल की दुआ में अब कोई असर नहीं,
तन्हाई के इस सफर में कोई सहारा नहीं।.
एक खाली सा दिल और कुछ टूटे ख्वाब,
उदासी की आंधी में खो गए सारे सवाल।.
सिर्फ तन्हाई की महक है अब इस दिल में,
तेरी यादें भी अब गुम हो गई हैं मेरी दुनिया में।.
गुज़रते वक़्त ने और भी गहरा किया अकेलापन,
उदासी की बर्फ में अब कोई उम्मीद नहीं बची।.
तन्हाई का सफर अब रुकता नहीं,
हर ग़म की मंजिल खुद से भी दूर होती जाती है।.
जो रास्ते कभी खुशियों के थे,
अब तन्हाई के साए में सब कुछ फीका लगने लगा है।.
दिल में अब कोई उम्मीद नहीं,
तन्हाई में ढूंढता हूँ खुद को, लेकिन फिर भी कोई नहीं।.
तुमसे जुदाई के बाद, अब जीने की वजह नहीं,
बस ग़म और तन्हाई में खो जाने की कोई सीमा नहीं।.
हर ग़म और दर्द को छुपा रखा है मैंने,
तन्हाई में घुट-घुट कर जीता हूँ, मुस्कुराने की ख्वाहिश नहीं।.
दिल में टूटी उम्मीदें हैं, आँखों में बेमिट आंसू,
तन्हाई की लहरें अब मेरी धड़कनों के पास हैं।.
जो कभी पास थे, वो अब बहुत दूर हो गए,
उदासी की छांव में, दिल के सूरज भी बुझ गए।.
गहरे हैं दर्द के निशान, जो कभी दिखाई नहीं देते,
इस तन्हाई में खो जाने वाले पल कभी भूले नहीं जाते।.
अकेलेपन का रंग अब मेरी ज़िन्दगी में है,
उदासी का ये सफर कभी खत्म नहीं होता, सिर्फ बढ़ता ही जाता है।.
दर्द भरी तन्हाई शायरी संग्रह

दिल के ग़म को छुपाने का नाम है,
तन्हाई में जीने का अपना तरीका है।.
हर एक दर्द छुपा कर मुस्कुराया हूँ,
अकेले में खुद को रुलाया हूँ।.
गहरे हैं घाव, फिर भी चेहरे पे मुस्कान है,
यह तन्हाई की तासीर भी अजीब बात है।.
जब तक तुम पास थे, दिल भी खुशी से झूमता था,
अब अकेले में दिल बस तन्हाई से सिसकता है।.
तेरे बिना यह दिल टूट गया है,
सिर्फ तन्हाई अब इसका साथी बन गया है।.
दिल में जितने दर्द हैं, वह सिर्फ मेरी तन्हाई जानते हैं,
दूसरों से कह नहीं सकता, क्योंकि वे सिर्फ मेरी मुस्कान देखते हैं।.
चाहतें पूरी नहीं हो पाईं, और अब यह तन्हाई मुझे तोड़ती है,
दिल में दर्द भरता जाता है, पर कोई नहीं सुनता।.
अब तो यह तन्हाई भी एक आदत बन गई है,
दिल के ग़म को लेकर जीना ही जीने का तरीका बन गया है।.
तन्हाई का असर दिल पर गहरा हो गया है,
अब हर खुशी भी कभी दर्द में बदल जाती है।.
वो जो कभी मेरे थे, अब मुझसे बहुत दूर हो गए,
तन्हाई में अब हर दिन मैं सिर्फ उन्हीं की यादों में खो जाता हूँ।.
साथ था कभी कोई, अब तन्हाई का ही साया है,
अब दिल की गहराइयों में सिर्फ दर्द का जाया है।.
आँखों में आंसू हैं, लेकिन कोई नहीं देखता,
दिल की तन्हाई की आवाज़ भी अब बस मैं ही सुनता हूँ।.
वो मीठी सी मुस्कान अब कहीं खो गई है,
अब हर दिन की तन्हाई ने मेरी आँखों में ग़म छुपा लिया है।.
दिल की जो खाली जगह थी, अब तन्हाई ने भर दी है,
चाहे जितनी भी कोशिश की, पर दिल से सुकून चुराई गई है।.
तन्हाई अब मेरी सबसे बड़ी पहचान बन चुकी है,
जो किसी को समझा नहीं पाया, वही ग़म मेरे पास रहा।.
न वो मिले, न यह मिल पाया,
तन्हाई अब मेरी दोस्त बन गई है, दर्द की छाँव में पलने की आदत हो गई है।.
हमें कभी जीने का तरीका नहीं मिला,
अकेले ही हर घड़ी को महसूस कर लिया, हर दर्द को सह लिया।.
कभी ख्वाहिशों में खो जाने की उम्मीद थी,
अब तन्हाई के अंधेरे में खुद को खो जाने का डर है।.
जिंदगी की राह में कोई साथी नहीं मिला,
अब तन्हाई में खोकर खुद को ही समझाना पड़ा।.
जब दर्द दिल में बस जाए, तो तन्हाई खुद महसूस होने लगती है,
हर चुप्पी और खामोशी से दिल टूटता जाता है, और खुद से ही दूरी बनती जाती है।.
आइसोलेशन शेरी 2 लाइन हिंदी

संसार से दूर, अकेले जी रहा हूँ,
आइसोलेशन में खुद को फिर से ढूँढ रहा हूँ।.
जो कभी पास थे, अब बहुत दूर हो गए,
इस आइसोलेशन ने मुझे और अकेला कर दिया है।.
दिल में खामोशी, आँखों में ग़म का समंदर,
आइसोलेशन में जी रहा हूँ, बिना किसी के पास।.
कभी अकेले नहीं था, लेकिन अब आइसोलेशन मेरा साथी है,
सुरक्षीत हूँ सबसे, पर दिल में ग़म की रात है।.
दूर हो गए सब, अकेलापन अब अपना है,
आइसोलेशन में खुद को समझा रहा हूँ, सख्त हूँ।.
आइसोलेशन ने सिखा दिया है,
कभी खुद से मिल, दर्द का सामना करना है।.
सिर्फ़ एक दीवार ने हमें दूर किया है,
आइसोलेशन में जीने का तरीका वही हुआ है।.
तन्हाई अब मेरी पहचान बन चुकी है,
आइसोलेशन में हर एक बात छुपाई जा रही है।.
कभी दुनिया से रु-ब-रु था, अब अकेले जी रहा हूँ,
आइसोलेशन में खुद से ही बातें करता हूँ।.
कभी साए में था, अब रोशनी से दूर हूँ,
आइसोलेशन ने मुझे पूरी तरह से बदल दिया है।.
मन का अंधेरा अब रोशनी से दूर हो गया,
आइसोलेशन में जीते-जीते एक सपना टूट गया।.
संग बैठ कर भी अकेलापन महसूस हुआ,
आइसोलेशन की कगार पर हर रिश्ता टूटा हुआ।.
जो था कभी पास, अब वह भी दूर हो गया,
आइसोलेशन की यह खामोशी अब मेरे साथ है।.
इस आइसोलेशन में वक्त का मिजाज बदल गया,
चुप रहते हुए भी दिल का दर्द कह दिया।.
खुश रहकर भी महसूस किया आइसोलेशन का दर्द,
कभी सोचा नहीं था, ऐसा भी वक्त आएगा।.
आइसोलेशन में मुझे अब सिर्फ़ खुद से ही बात करनी है,
कभी जो था मेरा, अब वो दूर कहीं जाता है।.
हर शब गुम हो गई हैं वो बातों की मिठास,
आइसोलेशन में खुद से ही खामोशी का एहसास।.
कभी तो तन्हाई में खुद को खो बैठता था,
अब आइसोलेशन ने मुझे खुद से जुदा कर दिया है।.
आइसोलेशन में घुटते हैं अनकहे ख्वाब,
कभी सोचा था, खुद से मिलकर कैसे जीते हैं लोग।.
तन्हाई में अब मुझसे ही सवाल है,
क्या खो दिया मैंने इस आइसोलेशन के दावों में।.
सॉलिट्यूड शेरी गुलज़ार

चुप रहने की आदत सी हो गई है,
अब सिर्फ़ तन्हाई से ही बातें होती हैं।
गुलज़ार की तरह दिल के रास्ते पर चलते हुए,
हमने भी सॉलिट्यूड की ग़ज़ब ग़ुमान बनाई है।
चाहतें बहुत थीं, मगर जब मिली सॉलिट्यूड,
तो अब अकेले ही रज़ामंदी से जी रहे हैं।
हर किसी से दिल लगाना भी एक ख़तरा था,
इसलिए सॉलिट्यूड को दोस्त बना लिया है।
बेबसी का आलम है, दिल है अकेला,
गुलज़ार ने कहा था, “तन्हाई का भी एक रंग होता है।”
दिल की ग़ज़ल अब खुद से ही गाई जाती है,
सॉलिट्यूड में खो जाने की तन्हाई छाई जाती है।
सॉलिट्यूड की सूरत अब मेरी पहचान बन गई,
गुलज़ार के शब्दों में जैसे मैं खुद ही सिमट गया।
गुलज़ार कहते हैं, “तन्हाई का क्या काम,
यह दर्द-ए-ग़म को शांति में बदल देती है।”
सॉलिट्यूड का एक आलम है, जो दिल में पलता है,
फिर गुलज़ार की तरह वही दर्द भी मुस्कान बन जाता है।
कभी सोचा नहीं था कि इतना अकेला रहूँगा,
अब गुलज़ार की सॉलिट्यूड की क़ैद में रहूँगा।
इस सॉलिट्यूड में कई रातें बीत गईं,
दिल ने गुलज़ार की ग़ज़ल जैसी कहानियाँ लिख दीं।
गुलज़ार के शब्दों में एक सॉलीट्यूड की गूंज है,
जो दिल को छूकर, हमें अकेलेपन की परिभाषा समझाता है।
सॉलिट्यूड का असर दिल पर गहरा होता है,
गुलज़ार का एहसास भी कभी अजनबी सा लगता है।
तन्हाई के रास्ते पर जब सॉलीट्यूड मिलता है,
गुलज़ार का शब्द-संग्रह हमें खुद से फिर से मिलवाता है।
जिंदगी में कभी यह सॉलिट्यूड खुद को जोड़ने आता है,
गुलज़ार की कविताओं के हर शब्द में यह सुकून फैलाता है।
चुपचाप बसी है सॉलिट्यूड इस दिल में,
गुलज़ार के एहसास में लहराते शोर में।
यह सॉलिट्यूड अब मेरी आदत बन चुका है,
गुलज़ार की शायरी जैसे दिल की हलचल बन चुकी है।
गुलज़ार के स्याह शब्दों में, सॉलिट्यूड की पहचान थी,
जो हमें अकेले होने पर भी शांति दे गई थी।
जब से सॉलिट्यूड से मुलाकात हुई है,
दिल की ग़ज़लें अब खुद से ही ढूँढी जाती हैं।
गुलज़ार की हर कविता में कुछ दर्द छुपा होता है,
सॉलिट्यूड की लहरें भी कुछ उसी तरह, धीरे-धीरे दिल में उतरती हैं।